बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि॥ होनी-अनहोनी से बचें, हनुमान चालीसा रोज पढ़ें श्रीरघुबीर हरषि उर लाये ॥११॥ रघुपति कीह्नी बहुत बड़ाई । फिर भी अगर कहीं कोई त्रुटी हो तो हमें निचे कमेंट बॉक्स में लिखें. हम उसे अवस्य ठीक करेंगे. हनुमानजी बंदर या वानर थे https://hanumanchalisalyricss.com/